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What is MSP? Why have farmers protested?

MSP ka matlab hota hai “Minimum Support Price” (न्यूनतम समर्थन मूल्य): यह भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्धारित मूल्य होता है जिसे सरकार उनकी उत्पादन या फसलों के लिए प्रदान करती है। यह मूल्य उन्हें उनके उत्पादों के लिए न्यूनतम आदान-प्रदान का वादा करता है ताकि वे अपनी फसलों को बेचकर उचित लाभ कमा सकें।

MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य): भारतीय कृषि उत्पादकों के लिए एक महत्वपूर्ण नीति है जो सरकार द्वारा अपनाई जाती है। यह नीति किसानों को उत्पादन करने के लिए प्रेरित करती है और उन्हें न्यायसंगत मूल्य प्रदान करती है। इसके माध्यम से, सरकार उत्पादकों को स्थिर मूल्य प्रदान करके उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है और उन्हें अनिश्चितता से बचाती है। इस नीति के माध्यम से, सरकार भारतीय कृषि उत्पादन को संरक्षित करने और उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। यह नीति भारतीय कृषि उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन प्रणाली है जो किसानों को उत्पादन के लिए प्रेरित करने में मदद करती है। इसके अलावा, MSP का उद्देश्य बाजार में न्यायसंगत मूल्य स्थापित करना भी है ताकि किसानों को उत्पादन की लागत का भरोसा हो और उन्हें अधिकारिक लाभ मिल सके।

MSP की व्यवस्था भारत सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। यह स्वतंत्रता के बाद भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम रहा है।

MPS को निर्धारित करने के लिए सरकार विभिन्न कृषि उत्पादों के लिए वार्षिक तौर पर मूल्यों को समीक्षित करती है। इसे विभिन्न कारकों जैसे कि उत्पादकता, बाजारी मूल्य, खेती में लागत, और समर्थन मूल्यों के अन्य तत्वों के आधार पर तय किया जाता है।

MSP का प्राथमिक उद्देश्य किसानों को उत्पादन करने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें स्थिरता प्रदान करना है। इसके अलावा, यह भारतीय बाजार में दरों को संतुलित करने का भी काम करता है ताकि उत्पादकों को न्यायसंगत मूल्य मिल सके।

MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य): एक महत्वपूर्ण कृषि नीति है जो भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उत्पादन के लिए प्रेरित करना और उन्हें न्यायसंगत मूल्य प्रदान करना है। का निर्धारण विभिन्न कृषि उत्पादों के लिए किया जाता है, जिससे किसानों को उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके माध्यम से, सरकार उत्पादकों को स्थिर मूल्य प्रदान करके उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है और उत्पादकों को अनिश्चितता से बचाती है। इस नीति के माध्यम से, सरकार भारतीय कृषि उत्पादन को संरक्षित करने और उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। यह नीति भारतीय कृषि उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन प्रणाली है जो किसानों को उत्पादन के लिए प्रेरित करने में मदद करती है।

कुछ महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों के लिए MSP निर्धारित किया जाता है, जैसे कि अनाज, धान, गेहूं, चावल, तिलहन, और कई और फसलें। इन फसलों पर MSP का अधिकतम लाभ किसानों को सुनिश्चित किया जाता है।

History of MSP

MSP का इतिहास भारतीय कृषि नीतियों के एक महत्वपूर्ण पहलू है जो देश के किसानों को सुरक्षित और स्थिरता से जुड़ा रखने का प्रयास करता है। 1965 में इसकी शुरुआत हुई थी, जब भारत में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसे लागू किया गया। पहले मुख्य धारक होने के बाद से, MSP ने किसानों को निश्चितता का एक निराधारित रूप प्रदान किया है, जो उन्हें अपनी उत्पादन को बेचने के लिए उन्हें विश्वास दिलाता है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, MSP के तहत खरीफ 2020-21 और रबी 2021-22 में 23 खाद्यान्न और गैर-खाद्यान्न उत्पादों के लिए किसानों को ₹ 1,35,173.55 करोड़ (खरीफ) और ₹ 10,53,829.19 करोड़ (रबी) का लाभ प्रदान किया गया।

किसानों को समर्थन प्रदान करने के बजाय उत्पादन को अधिक करने के लिए अभियान के माध्यम से इसे विवादित बनाया जा सकता है। इसके बावजूद, MSP ने खाद्यान्न और गैर-खाद्यान्न उत्पादों के लिए किसानों को एक समझाए  रखा है और उत्पादन को प्रोत्साहित किया है।

Why have farmers protested?

किसानो की कुछ मांगे और शर्ते है जो ये है की MSP की गारंटी को legal किया जाय और किसानो का कर्जा भी माफ़ किया जाय तथा 60 साल के ऊपर किसानो को पेंसन मुहैया कराई जाय और जो भी किसान आंदोलन के समय गिरफ्तार हुए है उनके खिलाफ केस को ख़तम किया जाय , लखीमपुर खेरी में हुए दंगे में जो आरोपी है उनको जेल दी जाय और जो उस दंगे का शिकार हुए है उन सभी को सरकार मुवाबजा दे ताकि जो उनकी छती हुयी है उससे वो निजाद प् सके तथा उनकी अर्थव्यवस्था में भी सुधर हो सके और सरकार को WORLD TRADE ORGANIZATION को वापस लेना होगा इसीलिए किसान आज सड़को पे दुबारा उतर आये है |

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